आज के दिन किया जाता है भगत सिंह को याद, जानें उनसे जुड़ी ये 15 बातें

आज यानी 28 सितंबर को भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की 112वीं जयंती मनाई जा रही है। आपको बता दें कि भगत सिंह के व्यक्तित्व के साथ-साथ उनके जीवन से जुड़ीं न जानें कितनी फिल्में बनी हैं। जब जब आजादी का नाम जुबां पर आता है, तब तब भगत सिंह का ख्याल गोरांवित कर देता है। आज उनकी जयंती पर हम आपको उनके जीवन से जुड़ीं कुछ दिलचस्प बातों से अवगत करा रहे हैं।
भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब प्रांत के लायलपुर जिले के बंगा गांव में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है ।
महज 12 साल की उम्र में बगैर किसी को बताए भगत सिंह जलियांवाला बाग चले गए थे और वहां की मिट्टी लेकर घर लौटे थे।
भगत सिंह के पिता किशन सिंह चाचा अजीत सिंह और स्वर्ण सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे।
उनके पिता और चाचा गदर पार्टी के मेंबर भी थे।
भगत सिंह करतार सिंह सराभा को अपना आदर्श मानते थे।
जानकारों के मुताबिक भगत सिंह के जीवन में पहला निर्णायक मोड़ 1919 में आया जब उनकी उम्र करीब 12 साल थी।
भगत सिंह की पढ़ाई लाहौर के डीएवी हाई स्कूल में हुई।
वे कई भाषाओं में पारंगत थे।
अंग्रेजी, हिन्दी, उर्दू के अलावा पंजाबी पर भी उनकी खास पकड़ थी।
कालेज में भगत सिंह ने इंडियन नेशनल यूथ आर्गेनाइजेशन का गठन किया।
अच्छे थियेटर आर्टिस्ट के साथ-साथ उनका शैक्षणिक रिकॉर्ड भी बढ़िया रहा।
बाद में भगत सिंह ने अपनी थियेटर की कलाओं को भारतीयों के बीच देशभक्ति की भावनाएं जगाने में किया।
भगत सिंह ने एक क्रांतिकारी लेखक का भी रोल अदा किया।
महान क्रांतिकारी भगत सिंह को अंग्रेजों ने 23 मार्च 1931 की सुबह 7:30 बजे लाहौर में फांसी दे दी थी।
शहीद भगत सिंह का फिरोजपुर से गहरा रिश्ता था। यहां एक ठिकाना क्रांतिकारी डॉ. गया प्रसाद ने किराए पर ले रखा था। इसके नीचे केमिस्ट की दुकान थी और ऊपर क्रांतिकारियों का ठिकाना। यहां भगत सिंह, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद के अलावा अन्य क्रांतिकारियों का भी आना जाना था। यह ठिकाना पार्टी की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया था।