इमाम का बयान, “CORONA हम मुस्लिमों का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा”

देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। देश कोरोना से अब तक 70 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, दो हजार से ज्यादा लोगों कोरोना से लड़ते हुए जिंदगी की जंग हार चुके हैं। कोरोना से बचाव में इम्युनिटी की भूमिका बहुत अहम मानी जा रही है। डॉक्टर से लेकर वैज्ञानिक तक लोगों को इम्यून सिस्टम मजबूत बनाने की सलाह दे रहे हैं वहीं इम्युनिटी को लेकर सोमालिया के कुछ इमामों का बयान सुर्खियों में आ गया है। इमामों का दावा है कि मुसलमानों की इम्युनिटी पहले से ही इतनी मजबूत है कि कोरोना वायरस उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।
इमामों के ये बयान उन वरिष्ठ मुस्लिम विद्वानों के ठीक उलट हैं जिन्होंने कोरोना वायरस को पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा बताया था। यहां के एक चिकित्साकर्मी ने एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा कि इमामों की ऐसी बातें सोमालिया के लोगों की जिंदगी खतरे में डाल रही हैं। साथ ही यहां की आबादी को शिक्षित करने के काम में भी बाधा पहुंचा रही है।
नाम ना बताने की शर्त पर इस चिकित्साकर्मी ने कहा, ‘कुछ मस्जिद इस तरह की अफवाह फैला रहे हैं कि कोरोना वायरस महामारी सिर्फ उन लोगों को हो रही है जो इस्लाम को नहीं मानते हैं।’ उन्होंने कहा कि सोमालिया में लोग बहुत धार्मिक हैं और डॉक्टर या सरकार की बातों से ज्यादा यहां के इमाम की बातें मानते हैं। इमामों के बयान से पहले यहां के कुछ वरिष्ठ मुस्लिम विद्वानों लोगों से डॉक्टर्स और सरकार के दिशानिर्देशों का पालने करने की अपील की थी। मुस्लिम विद्वानों ने लोगों से रमजान के दौरान मस्जिदों में ना जाकर घर में ही नमाज पढ़ने को कहा था।
मुस्लिम वर्ल्ड लीग (MWL) के महासचिव डॉक्टर मोहम्मद अल-इस्सा ने समुदाय के लोगों को हेल्थ गाइडलाइन का पालन करने और फिलहाल मस्जिदों में नहीं जाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि कई मुस्लिम देशों ने महामारी के मद्देनजर मस्जिदों को कुछ समय के लिए बंद कर दिया है और लोगों को इसे एक धार्मिक कर्तव्य समझना चाहिए। सोमालिया में इमामों की गलत सूचना देश को कोरोना से तबाह करने का काम कर सकती है। यहां पूरे देश में टेस्टिंग की सिर्फ चार मशीनें हैं जबकि अब तक 900 कंफर्म केस सामने आ चुके हैं।