उर्मिला मातोंडकर ने CAA को बताया अंग्रेजों के काले कानून जैसा, कहा-‘इससे गरीबों को…’

नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का विरोध सिर्फ आम जनता या मुस्लिम वर्ग ही नहीं, बल्कि कई बॉलीवुड सेलेब्रिटीज ने भी कर रहे हैं। कई बॉलीवुड सेलेब्रिटीज ने सीएए के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा भी लिया है। इसी कड़ी में एक नाम और जुड़ गए है। ये नाम एक्ट्रेस और कांग्रेस की पूर्व नेता उर्मिला मातोंडकर का है। जिन्होंने सीएए की तुलना अंग्रेजों के काले कानून से की है।
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर बात करते हुए उर्मिला ने कहा कि एक बात मुझे लगता है कि आपको बतानी चाहिए कि जिस इंसान ने गांधीजी पर गोलियां चलाई थी वो इंसान कौन था, क्या वो इंसान मुसलमान था, क्या वो सिख या ईसाई था? वो इंसान एक हिन्दू था। अब इसके अलावा इस बारे में मैं यहां क्या कहूं क्योंकि ये बात हम सबके लिए इतनी भयानक है, इस बात को हर दिन सुबह उठकर दिमाग में रखना इतना भयानक है कि इस बात में कई चीज़ें शामिल हैं।
उर्मिला ने कहा कि ‘वर्ष 1919 में दूसरा विश्वयुद्ध खत्म होने के बाद ब्रिटिशर्स को पता था कि हिंदुस्तान में असंतोष फैल रहा है और ये असंतोष बाहर आने वाला है इसलिए वो एक कानून लेकर आए थे। उस कानून का नाम काफी लंबा हैं लेकिन वो रोलेट एक्ट के नाम से मशहूर हुआ क्योंकि वो कानून रोलेट के डेलिगेशन द्वारा लाया गया था। उस कानून के मुताबिक किसी भी शख्स को देश विरोधी गतिविधियां करने पर बिना किसी पूछताछ और सबूत के जेल में डालने की अनुमति सरकार को थी।’
एक्ट्रेस उर्मिला ने कहा कि ‘ये कानून काफी खतरनाक था। वो 1919 का कानून और आज 2019 का सीएए कानून है। ये दोनों कानून इतिहास में काले कानून के नाम से दर्ज होंगे। आज जिस तरह लोग रास्ते पर उतर रहे हैं और उस वक्त जिस तरह से लोग रास्ते पर उतरे थे मैंने वो वक्त देखा तो नहीं लेकिन जिस तरह से मैंने पढ़ा है ये उसकी याद दिलाते हैं। ये कानून गरीबों के खिलाफ हैं और वो गरीब कोई भी गरीब शख़्स हो सकता है। ऐसा एहसास दिलाया जाता है कि ये कानून मुसलमानों के खिलाफ है। लेकिन उसके अलावा आज कहीं न कहीं 15 प्रतिशत मुसलमानों का डर 85 प्रतिशत हिंदुओं को बताकर उनपर अंकुश लगाने की कोशिश की जा रही है।