…जब बेटे के संन्यासी बनने की बात पर भावुक हो गए थे CM योगी के पिता

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ अपने कड़े फैसलों के लिए जाने जाते हैं। प्रदेश के अपराधी भी उनके डर से खौफ खाते हैं। लेकिन बात की जाए उनके परिवार की तो हर कोई चाहता है कि समाज में साधु-संत धर्म का विस्तार करें। लेकिन संन्सासी उनके घर में पैदा हो, ऐसी चाहत शायद ही किसी की हो। लेकिन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता स्व. आनंद सिंह बिष्ट से जब उनके बेटे के संन्यास लेने के बारे में पूछा गया तो वह भावुक हो गए थे। वे साल 2017 में देहरादून में एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस दौरान अमर उजाला के संवाददाता विनोद मुसान ने उनसे कुछ सवाल पूछा था, जिसका उन्होंने बड़ी सादगी से जवाब दिया था। उन्होंने जब सीएम योगी के संन्यासी बनने पर प्रश्न पूछा तो उनके पिता का भावुक होना स्वाभाविक था। उनके पिता ने जवाब दिया कि ये बात सच है जब बेटा संन्यास लेने की बात कहे तो कोई भी माता-पिता इस बात को स्वीकार नहीं करेंगे। लेकिन उनका बेटा संन्यासी जीवन जीते हुए जिस पथ पर चला, उन्हें आज उस पर गर्व है।
जब पत्रकार ने उनसे सवाल पूछा कि योगी आदित्यनाथ हिन्दुत्व की बात करते हैं, मुसलमान उनसे डरते हैं, अब वे उत्तर प्रदेश का राज कैसे चलाएंगे? इस पर आप का क्या कहना है तो उन्होंने बड़ी ही विनम्रता से जवाब दिया था। बोले- हां ये बात सही है, उनके गुरु भी इस राह पर चले थे, लेकिन बाद में उन्होंने सबको साथ लेकर चलने की बात कही। उनके पिता ने बताया था कि उन्होंने योगी से इस बारे में जिक्र किया था, तब वो बोले-नहीं वक्त बदल गया है, हम विकास की बात करेंगे, आगे बढ़ने की बात करेंगे, सबको साथ लेकर चलेंगे। भारत के संविधान के अनुसार, जो भी व्यक्ति कानून का पालन करेगा, अपने देश को सर्वप्रथम रखेगा, उसका कोई बुरा कर ही नहीं सकता। संप्रदाय नहीं, देश सर्वोपरि है।
वहीं, उनकी मां सावत्री देवी से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि बेटा अच्छा करे, इससे बढ़कर मां-बाप के लिए और क्या हो सकता है। छोटी सी नौकरी में ही खुश थे योगी के पिता उनका कहना था कि किसी भी मां-बाप के लिए यह गौरव का क्षण होता है कि उनका बेटा किसी प्रदेश का मुखिया बने। योगी तो 26 साल की आयु में सबसे कम उम्र का सांसद बन गया था। हमें इस बात पर गर्व है। लोगों को अपनी मानसिकता बदलनी होगी।
हमारा बेटा भले ही सीएम बन गया हो लेकिन हमें अपने गांव से बेहद लगाव है। हम यहां नौकरी करकर ही खुश हैं। वहीं, जब उनके बड़े भाई ने सीएम योगी को ‘उन्हें’ कहने पर सवाल पूछा तो उनके भाई बोले, हां उन्होंने मेरे हाथ की मार भी खाई है। लेकिन तब एक बड़े भाई ने छोटे भाई को मारा था। अब वह एक संत हैं, जिस दिन वे गददी पर विराजमान हुए, उसी दिन रिश्तों की परिभाषा भी बदल गई। कहने को रिश्ते में हमारे वे भाई हैं, लेकिन सांसारिक जीवन में हम से ज्यादा समाज का उन पर अधिकार है।