“जय श्री राम” के नारे से नहीं, बल्कि इस नारे से शुरू किया PM मोदी ने अपना संबोधन

आज का दिन भारत के इतिहास के पन्नों में अयोध्या के नाम दर्ज हो गया है। जी हां, आखिरकार आज वो सपना पूरा हो ही गया जिसका वर्षों से सबको इंतजार था। देश के प्रधानमंत्री ने आज अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी और भूमिपूजन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सभा को संबोधित किया। खास बात यह है कि अपने संबोधन की शुरुआत पीएम मोदी ने जयश्रीराम से नहीं, बल्कि जय सियाराम का नारा लगाकर की। पीएम ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, आज श्रीराम का यह जयघोष सिर्फ सिया-राम की धरती में ही नहीं सुनाई दे रहा, इसकी गूंज पूरे विश्व में है। सभी देशवासियों को, विश्व में फैले करोड़ों राम भक्तों को आज के इस सुअवसर पर कोटि-कोटि बधाई। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुझे आमंत्रित किया, इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने का अवसर दिया। मैं इसके लिए हृदय पूर्वक श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का आभार व्यक्त करता हूं।
#WATCH It is my good fortune that I was invited to witness this historical moment… From Kanyakumari to Kshirbhavani, from Koteshwar to Kamakhya, from Jagannath to Kedarnath, Somnath to Kashi Vishwanath…today entire country is immersed in Lord Ram: PM Modi at Ayodhya pic.twitter.com/6jEFZ9JaMQ
— ANI (@ANI) August 5, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि आज मुक्त हो गई है। पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है। सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है। हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के समय कई-कई पीढ़ियों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था। गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आंदोलन न चला हो, देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान न दिया गया हो।’
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था, तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था। जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सबको आज 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से नमन करता हूं। राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं। कोई काम करना हो, तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं। भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए। इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं। श्रीराम भारत की मर्यादा हैं, श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं।