तब्लीगी जमात मामले में बड़े राज का पर्दाफाश, मरकज को विदेशों से मिलता है करोड़ों का फंड

दुनिया भर में कोरोना वायरस ने तबाही मचाई हुई है। भारत में भी कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 21 दिनों के लिए लॉकडाउन किया है। बता दें कि देश में कोरोना का बड़ा संकट खड़ा करने वाले तब्लीगी मरकज की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है। मरकज के राज भी परत दर परत खुल रहे हैं। क्राइम ब्रांच को अब तक की जांच में पता चला है कि देश-विदेश से हर माह करोड़ों रुपये की फंडिंग हो रही थी। इसमें बड़ा घालमेल किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, देश-विदेश से बेतहाशा मिलने वाले इस धन का कहीं कोई लेखा-जोखा नहीं है। मरकज के कुछ बैंक खातों का पता जरूर चला है, लेकिन उनमें जो लेनदेन की बात सामने आ रही है। वह भी बेहद मामूली है। ऐसे में क्राइम ब्रांच के लिए फंडिंग के स्रोत और मिले धन को कहां खर्च किया गया? इस बात का पता लगाना भी क्राइम ब्रांच के लिए बड़ी चुनौती साबित होने जा रहा है।
गौरतलब है कि क्राइम ब्रांच ने तब्लीगी मरकज के प्रमुख मौलाना मुहम्मद साद को नोटिस भेजा है, जिसमें संस्था के सभी बैंक खातों व तीन साल में जमा कराए गए आयकर सहित अन्य अहम जानकारियां मांगी गई हैं। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक तब्लीगी मरकज को देश-विदेश से हर माह करोड़ों की फंडिंग होने की जानकारी मिली है। वहीं, लेनदेन किन खातों के माध्यम से होता था? इसके बारे में अभी तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिल सकी है। हालांकि, पुलिस ने मौलाना साद सहित अन्य को नोटिस देकर 26 सवालों के जवाब मांगे हैं। इसमें बैंक खातों की भी जानकारी मांगी गई है, लेकिन पुलिस को आशंका है कि उन्हीं चंद बैंक खातों के बारे में जानकारी दी जाएगी, जिनमें मामूली रकम जमा कराई जाती है। ऐसे में पुलिस को फंडिंग व उसके उपयोग के बारे में पता नहीं लग सकेगा।
दिल्ली और मेवात के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश तब्लीगी मरकज का गढ़ माना जाता है। इन जगहों पर इनके काफी समर्थक रहते हैं। तब्लीगी मरकज से देश व विदेश में करोड़ों लोग जुड़े हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां पूरे साल लोग आते हैं। इसमें रोजाना देश व विदेश से 1000-2000 लोग यहां आते रहते हैं। इसलिए पुलिस बहुत ही फूंक-फूंक कर जांच में कोई भी कदम उठा रही है।