दिल्ली: निजामुद्दीन मरकज मामले में बड़ा खुलासा, विदेशी जमातियों ने मरकज में आने की बात से किया इनकार

देश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। माना जा रहा है कि दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमातियों के बढ़ी संख्या में इकट्ठे होने के बाद से कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। बता दें कि मरकज मामले की जांच में नया मोड़ आया है। करीब-करीब सभी विदेशियों ने पूछताछ में तबलीगी मरकज में हुए धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने की बात से इनकार किया है। काफी विदेशियों ने पूछताछ में सहयोग भी नहीं किया। भाषा को लेकर भी पूछताछ में परेशानी हुई।
दिल्ली पुलिस ने करीब-करीब सभी 850 विदेशी जमातियों से पूछताछ कर ली है। विदेशी जमातियों के इस बयान के बाद दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय सकते में आ गए हैं। ऐसे में विदेशियों को लेकर अपराध शाखा की जांच मरकज से जुटाए सुबूत व कोरोना से पीड़ित विदेशियों की रिपोर्ट पर टिक गई है।
क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कुछ विदेशियों से अपराध शाखा के कार्यालय में बुलाकर पूछताछ की गई, जबकि ज्यादातर से कोविड सेंटरों में जाकर पूछताछ की गई। सभी विदेशियों से पूछताछ पूरी हो गई। ज्यादातर विदेशी जमातियों का कहना है कि वह टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे। दिल्ली में घूमने के दौरान वह धार्मिक जलसा देखने चले गए। इसी तरह वह कई मस्जिदों में गए। विदेशियों का कहना है कि वह जमात के लिए भारत नहीं आए।
अपराध शाखा की द्वारका टीम को विदेशी जमातियों से पूछताछ में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुछ विदेशियों को न तो हिंदी और न ही अंग्रेजी आती है। ऐसे में पुलिस को पूछताछ के लिए दुभाषिए का सहारा लेना पड़ा।
बता दें कि दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित दो स्कूलों में बने कोविड सेंटरों में करीब 90 विदेशी इंडोनेशिया के हैं। पुल प्रह्लादपुद स्थित रेलवे परिसर में बनाए गए कोविड सेंटर में भी अलग-अलग देशों के 59 विदेशी हैं। अन्य विदेशी दिल्ली में अलग-अलग जगह बनाए गए कोविड सेंटरों में रह रहे हैं। इन विदेशियों को यहां रहते हुए करीब दो महीने होने को जा रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गृह मंत्रालय के आदेश व अपराध शाखा की जांच के बाद ही विदेशी जमातियों को छोड़ने को लेकर फैसला किया जाएगा।