दिल्ली विधानसभा चुनाव: जानिए..आखिर बीजेपी ने क्यों नहीं उतारा एक भी मुस्लिम उम्मीदवार

दिल्ली विधानसभा चुनाव अपने अंतिम चरण पर है। सभी पार्टियां वोट बैंक अपनी ओर खींचने के लिए पूरी जी-जान झौंक रही हैं। वहीं, आरोप-प्रत्यारोप की राजनीतिक भी खूब देखने को मिल रही है। बता दें कि बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने पार्टी के चुनाव अभियान, शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन, उनकी पार्टी के सांसदों द्वारा भड़काऊ नारे और बयान, बीजेपी की 21 साल के बाद सत्ता में लौटने की संभावनाओं के बारे में एक इंटरव्यू दिया।
मनोज तिवारी से जब पूछा गया कि बीजेपी ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात करती है। 1993 के बाद यह पहली बार है कि बीजेपी ने दिल्ली चुनाव में कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा है। क्यों? मुस्लिम उम्मीदवार हमें जीतने पर भी मदद नहीं करते हैं। हमारे पास केंद्र में मुस्लिम समुदाय के मंत्री हैं। हमें उन्हें राज्य सभा और विधान परिषदों के माध्यम से लाना है। हमने उन्हें कई बार टिकट दिए हैं, लेकिन वे हमें जीतने में मदद नहीं करते हैं।
वहीं, शाहीन बाग में हो रहे आंदोलन के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर पूछे गए सवाल पर तिवारी ने कहा कि चुनाव आयोग पहले ही उन्हें सजा दे चुका है। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि चुनाव आयोग को शाहीन बाग में नारे लगाए जाने के बारे में विचार करना चाहिए। अमानतुल्ला खान, मणिशंकर अय्यर, शशि थरूर जैसे नेता वहां भाषण दे रहे हैं। मैं ईसी से निवेदन करना चाहता हूं कि उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। लोग धरने पर बैठे हैं और 50 दिनों से पूरे क्षेत्र को रोके हुए हैं, लेकिन उन्होंने इस क्षेत्र का दौरा नहीं किया है। क्या उन्हें लोगों से अपील नहीं करनी चाहिए? लेकिन वह कहते हैं कि वे शाहीन बाग के साथ हैं। इसका मतलब है कि वह दिल्ली को शाहीन बाग बनाना चाहते हैं।