दिल्ली: BJP प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद मनोज तिवारी ने कही ये बड़ी बातें….

देश में इस समय लॉकडाउन 5.0 चल रहा है। इसी बीच बीजेपी ने दिल्ली के बीजेपी प्रदेशाध्य और सांसद मनोज तिवारी को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया है। पार्टी ने मनोज तिवारी की जगह आर्दश गुप्ता को प्रदेश अध्यक्ष पद का कार्यभार सौंपा है। हालांकि, मनोज तिवारी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन आलाकमान ने इसे ठुकरा दिया था। मनोज तिवारी का कार्यकाल भी समाप्त हो गया था।
अब दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद मनोज तिवारी का पहला रिएक्शन आया है और उन्होंने ट्वीट कर प्यार व सहयोग के लिए दिल्लीवासियों का आभार जताया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जाने अनजाने कोई त्रुटि हुई हो तो क्षमा करना। मनोज तिवारी ने ट्विटर पर लिखा कि “दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में इस 3.6 साल के कार्यकाल में जो प्यार और सहयोग मिला उसके लिए सभी कार्यकर्ता, पदाधिकारी व दिल्लीवासियों का सदैव आभारी रहूंगा.. जाने अनजाने कोई त्रुटि हुई हो तो क्षमा करना.. नए प्रदेश अध्यक्ष भाई आदेश कुमार गुप्ता जी को असंख्य बधाइयां।”
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष @BJP4Delhi के रूप में इस 3.6 साल के कार्यकाल में जो प्यार और सहयोग मिला उसके लिये सभी कार्यकर्ता,पदाधिकारी,व दिल्ली वासियों का सदैव आभारी रहूँगा.. जाने अनजाने कोई त्रुटि हुई हो तो क्षमा करना..
— Manoj Tiwari (@ManojTiwariMP) June 2, 2020
नये प्रदेश अध्यक्ष भाई @adeshguptabjp जी को असंख्य बधाइयाँ 🙏💐 pic.twitter.com/nT8pyDCntt
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने नवंबर 2016 में बड़ा बदलाव करते हुए सतीश उपाध्याय की जगह पर मनोज तिवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। बीजेपी ने पूर्वांचली वोटरों पर अपनी पकड़ मजबूत करने के इरादे से मनोज तिवारी को ये जिम्मेदारी सौंपी थी, क्योंकि वह दिल्ली की नॉर्थ-ईस्ट सीट से सांसद हैं और पूर्वांचलियों के बीच खासे लोकप्रिय भी हैं।
2014 लोकसभा चुनाव में जीत के बाद पार्टी में बढ़ा मनोज तिवारी का कद भारतीय जनता पार्टी में 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद बढ़ा। मोदी लहर में मनोज तिवारी ने 2014 के आम चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के आनंद कुमार को 1,44,084 मतों से हराया था। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में मनोज तिवारी ने उत्तर-पूर्व दिल्ली सीट से ही 3 बार मुख्यमंत्री रहीं और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शीला दीक्षित को हराया था और लगातार दूसरी बार संसद पहुंचे।