भारत-चीन के बीच गलवां घाटी में हुई हिंसा पर ITBP ने किया बड़ा खुलासा, जानिए…क्या हुआ था उस रात?

लद्दाख की गलवां घाटी में 15-16 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसा के बाद से दोनों देशों के बीच हालात सामान्य नहीं हैं। भारत तिब्बत सीमा पुलिस ने शुक्रवार को पहली बार बताया कि 15-16 जून की रात क्या हुआ था। आईटीबीपी ने बताया कि पूरी रात लगातार चीनी सैनिकों से लोहा लेते हुए उसके जांबाजों ने दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए थे। आईटीबीपी ने इस अभियान में शामिल रहे अपने 21 जवानों को वीरता पदक देने की सिफारिश केंद्र सरकार से की है।
आईटीबीपी ने कहा कि पूरी रात जवानों ने चीनी सैनिकों को कठिन परिस्थितियों में भी कांटे की टक्कर दी और उन्हें वापस भागने पर मजबूर किया। इस अदम्य साहस के लिए आईटीबीपी ने शुक्रवार को 294 जवानों को महानिदेशक सम्मान से नवाजा। आईटीबीपी ने बताया, जवानों ने गलवां घाटी के बेहद दुर्गम इलाके में अपने सैनिकों का बचाव किया और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया। इनके साहस के चलते चीनी सैनिकों को भागना पड़ा और स्थिति नियंत्रण में आई। हमारे जांबाजों की युद्ध क्षमता के कारण हम चीनी सैनिकों को भीतर घुसने से रोक पाए और सभी बेहद संवेदनशील चौकियों की सुरक्षा कर सके।
ऐसा कई बार हुआ कि जवानों ने लगातार 17-22 घंटे तक मोर्चा संभाला। इनके तेज तर्रार पलटवार से ही हमारे कम जवानों की जान गई। हमारे जवान गलवां के बर्फीले पानी से अपने शहीद साथियों के शव वापस लाए। गौरतलब है कि 20 आईटीबीपी जवान इस संघर्ष में शहीद हुए थे। चीन के भी बड़ी संख्या में सैनिक इस हिंसक झड़प में शहीद हुए थे।