मनोज बाजपेयी ने एक्टिंग के बाद रैप की दुनिया में रखा कदम…रिलीज होते ही वायरल हुआ सॉन्ग

बॉलीवुड की दुनिया में अपना नाम कमा चुके मनोज बाजपेयी को आज किसी पहचान की जरूरत नहीं है। लेकिन इस बार मनोज बाजपेयी एक अलग अंदाज में नज़र आये हैं। जी हां, बॉलीवुड के मशहूर डारेक्टर अनुभव सिन्हा का नया भोजपुरी गाना रिलीज हुआ है, बंबई में का बा। इस म्यूजिक वीडियो में बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी नजर आ रहे हैं। खास बात यह है कि ‘बंबई में का बा’ गाने की शूटिंग कोरोना वायरस के दौरान एक दिन में सिटी स्टूडियो में की गई है। पूरा गीत मनोज बाजपेयी द्वारा गाया और परफॉर्म किया गया है। पहली बार मनोज बाजपेयी भोजपुरी अंदाज में रैप करते सुनाई दे रहे हैं। फैन्स को उनका यह अंदाज काफी पसंद आ रहा है। अभी तक इस वीडियो को एक लाख से भी ज्यादा लोग देख चुके हैं।
Presenting you the most awaited जनता के भरपूर माँग पर with love 💓 #BambaiMeinKaBa https://t.co/c2MMafskEx @anubhavsinha @itsBhushanKumar @TSeries@BenarasM @AnuraagPsychaea @DrsagarJNU @BenarasB #BambaiMainKaBa
— manoj bajpayee (@BajpayeeManoj) September 9, 2020
बता दें कि इस गाने को शेयर करते हुए मनोज बाजपेयी ने ट्वीट कर लिखा कि ‘आप सभी लोगों के सामने जनता की भरपूर मांग पर पेश कर रहा हूं, प्यार के साथ। बंबई में का बा।’ ‘बंबई में का बा’ गाने में बताया गया है कि आखिर मुंबई शहर में ऐसी क्या चीज है जो पूरे देश के लोगों को यहां आने के लिए आकर्षित करती है। बिहार से ताल्लुक रखने वाले निर्माता और निर्देशक अनुभव सिन्हा को हमेशा से भोजपुरी संगीत सुनना पसंद है। ऐसे में अनुभव ने लॉकडाउन के दौरान अपने प्रोडक्शन बैनर बनारस मीडियावर्क्स के तहत भोजपुरी म्यूजिक वीडियो ‘बंबई में का बा’ की रचना निर्देशन और निर्माण किया है।
अनुभव सिन्हा ने म्यूजिक वीडियो के बारे में कहा कि ‘मैं काफी समय से एक भोजपुरी गाना करना चाहता था। मैं 70 के दशक से भोजपुरी माहौल में बड़ा हुआ है और बहुत से लोगों को अब भी अहसास नहीं है कि उन दिनों, भोजपुरी संगीत बहुत उत्तम दर्जे का हुआ करता था। यह बॉलीवुड का एक अभिन्न हिस्सा था जिस तरह आज पंजाबी संगीत है। क्लासिक भोजपुरी-आधारित बॉलीवुड नंबर जैसे कि ‘नैन लड जाए है तो मनवा मा’ और ‘चलत मुसाफिर मोह लिया रे’ इत्यादि गीत बॉलीवुड में देखने को मिले थे। भोजपुरी संगीत बॉलीवुड के लिए कुछ ऐसा ही था और यहां तक कि भोजपुरी संगीत को उस वक़्त शिक्षित लोगों के घरों में बजाया जाता था।’