मोदी सरकार ने लॉन्च की ये नई योजना, रेहड़ी-पटरी वालों को मिलेगा लाभ

आज से लॉकडाउन पार्ट-5 का पहला दिन शुरू हुआ। साथ ही कुछ नियम भी बदल गए और इन्हीं सब के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट की अहम बैठक भी हुई। इस बैठक में कई जरुरी फैसले लिए गए। जिसमें कृषि, मजदूरी से लेकर छोटे उद्योगों के लिए कई बड़े फैसले हुए। कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि रेहड़ी पटरी वालों की योजना को एक नया नाम दिया गया है। अब यह योजना पीएम स्वनिधि योजना के नाम से जानी जाएगी जो मुख्य रूप से रेहड़ी पटरी वालों के लिए समर्पित होगी।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि एमएसएमई की परिभाषा तो बदली ही गई है, अब इसकी परिभाषा का दायरा भी बढ़ाया गया है। एमएसएमई में ये संशोधन 14 साल बाद हुए हैं। 20 हजार करोड़ रुपये के अधीनस्थ कर्ज के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसी के साथ 50 हजार करोड़ के इक्विटी निवेश को भी मंजूरी दी गई है। एमएसएमई के कारोबार की सीमा 5 करोड़ रुपये की गई है। आज की बैठक में जो फैसले लिए गए हैं उससे रोजगार बढ़ाने में मदद मिलेगी। देश में 6 करोड़ से ज्यादा एमएसएमई की अहम भूमिका है। लोग अपना कामकाज ठीक से कर सकें, इसके लिए सरकार ने बड़े फैसले लिए हैं। एमएसएमई को लोन देने की व्यवस्था की गई है।
To provide impetus to the Atmanirbhar Bharat campaign, we have not only changed the definition of MSMEs sector, but have also approved several proposals to revive it. This will benefit the small and medium scale industries, as well as create huge employment opportunities: PM Modi https://t.co/5iIxce3Gah
— ANI (@ANI) June 1, 2020
एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपये लोन देने का प्रावधान है। सैलून, पान की दुकान और मोची को भी इस योजना से लाभ होगा। सरकार व्यवसाय को आसान बनाने की दिशा में काम कर रही है। एमएसएमई को लोन देने के लिए 3 लाख करोड़ की योजना है। रेहड़ी पटरी वालों के लिए लोन की योजना लाई गई है। रेहड़ी पटरी वालों को 10 हजार का लोन मिलेगा।
जावड़ेकर ने कहा कि मजबूत और महत्वपूर्ण भारत के निर्माण में एमएसएमई की बड़ी भूमिका है। कोविड को देखते हुए इस सेक्टर के लिए कई घोषणाएं की हैं। इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कई घोषणाएं की गई हैं। जावड़ेकर ने कहा कि एमएसएमई की सीमा 25 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ की गई है। भारत सरकार ने एमएसएमई की परिभाषा को संशोधित किया है।