राजधानी में अब इंटरस्टेट बसों की नहीं होगी एंट्री, निर्देश जारी

देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। दिल्ली में 1.44 लाख कोरोना के मामले सामने आए हैं जिसमें से 1.29 मरीज ठीक हो चुके हैं। वहीं, 4098 लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली में कोरोना के मामलों को देखते हुए बाहरी राज्यों से आने वाली बसों की एंट्री पर रोक जारी रहेगी। अनलॉक-3 में इंटरेस्टेट बसों के परिचालन को लेकर परिवहन विभाग द्वारा भेजे प्रस्ताव पर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कोई फैसला नहीं लिया है। हालांकि, DDMA ने परिवहन विभाग के इस से इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तैयार करने के लिए कहा है। फिलहाल बाहरी राज्यों की बसों की एंट्री दिल्ली में 15 से 20 दिन के बाद ही हो सकेगी।
आपको बता दें कि लॉकडाउन से पहले कश्मीरी गेट, आनंद विहार और सराय काले खां आईएसबीटी में रोजाना करीब 30,0000 यात्रियों की आवाजाही होती थी और रोजाना लगभग 3500 बसें इन आईएसबीटी पर बाहरी राज्यों से आती थी। सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान ने अपनी बसों की दिल्ली में एंट्री को मंजूरी देने की मांग की थी। इस पर परिवहन विभाग ने प्रस्ताव बनाकर फाइल दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में इस पर निर्णय लेने के लिए भेजा था, लेकिन डीडीए ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया। अलबत्ता परिवहन विभाग को इंटरेस्टेट बसों के परिचालन के लिए फुलप्रूफ एसओपी बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि अनलॉक की प्रक्रिया में केंद्र ने इंटरेस्टेट बसों के परिचालन की अनुमति दी है। हालांकि, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजस्थान समेत सभी को इंटरस्टेट बसों की दिल्ली में अभी एंट्री नहीं देने की जानकारी दी गई है। सभी का यही मानना है कि बड़ी मुश्किल से दिल्ली में कोरोना पर नियंत्रण पाया गया है। ऐसे में भी इंटरेस्टेट बसों के परिचालन की अनुमति देना उचित नहीं है। यही वजह है कि डीडीए में द्वारा इसके लिए एसओपी बनाए जाने के निर्देश के बाद भी अभी इसे लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं दिखाई दे रही है।
गौरतलब है कि इंटरेस्टेट बस यात्रियों का बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश और हरियाणा का है। लॉकडाउन से पहले रोजाना करीब 1519 बसें उत्तर प्रदेश से आती थी जबकि हरियाणा से 757 बसें से आती थी। बाकी अन्य राज्यों से होती थी। परिवहन विभाग के स्पेशल कमिश्नर केके दहिया के अनुसार यह सरकार का नीतिगत मामला है और इंटरेस्टेट बसों के परिचालन पर विचार किया जा सकता है।