राष्ट्रपति ने राष्ट्र के नाम किया संबोधन, जानिए…राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संबोधन की खास बातें…

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार (14 अगस्त) को उन सभी डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्य-कर्मियों को सराहा जो वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अग्रिम मोर्चे पर खड़े हैं। 74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने कहा कि इन कोरोना-योद्धाओं की जितनी भी सराहना की जाए, वह कम है।
इसके साथ ही उन्होंने देश-विदेश में रह रहे, भारत के सभी लोगों को शुभकामनाएं देते हुए अपने स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान को कृतज्ञता के साथ याद किया। उन्होंने कहा, ‘उनके बलिदान के बल पर ही, हम सब, आज एक स्वाधीन देश के निवासी हैं। हम सौभाग्यशाली हैं कि महात्मा गांधी हमारे स्वाधीनता आंदोलन के मार्गदर्शक रहे। उनके व्यक्तित्व में एक संत और राजनेता का जो समन्वय दिखाई देता है, वह भारत की मिट्टी में ही संभव था।”
We have learnt some tough lessons in the year 2020. The invisible virus has demolished the illusion that human being is the master of nature. I believe, it is still not too late for humanity to correct its course and live in harmony with nature: President Ram Nath Kovind pic.twitter.com/4jZvPryLmg
— ANI (@ANI) August 14, 2020
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संबोधन की 10 खास बातें
1. इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के उत्सवों में हमेशा की तरह धूम-धाम नहीं होगी। इसका कारण स्पष्ट है। पूरी दुनिया एक ऐसे घातक वायरस से जूझ रही है जिसने जन-जीवन को भारी क्षति पहुंचाई है और हर प्रकार की गतिविधियों में बाधा उत्पन्न की है। यह बहुत आश्वस्त करने वाली बात है कि इस चुनौती का सामना करने के लिए, केंद्र सरकार ने पूर्वानुमान करते हुए, समय रहते, प्रभावी कदम उठा लिए
थे।
2. इन असाधारण प्रयासों के बल पर, घनी आबादी और विविध परिस्थितियों वाले हमारे विशाल देश में, इस चुनौती का सामना किया जा रहा है। राज्य सरकारों ने स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कार्रवाई की। जनता ने पूरा सहयोग दिया। इन प्रयासों से हमने वैश्विक महामारी की विकरालता पर नियंत्रण रखने और बहुत बड़ी संख्या में लोगों के जीवन की रक्षा करने में सफलता प्राप्त की है। यह पूरे विश्व के सामने एक अनुकरणीय उदाहरण है।
3. राष्ट्र उन सभी डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्य-कर्मियों का ऋणी है जो कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के योद्धा रहे हैं। ये हमारे राष्ट्र के आदर्श सेवा-योद्धा हैं। इन कोरोना-योद्धाओं की जितनी भी सराहना की जाए, वह कम है। ये सभी योद्धा अपने कर्तव्य की सीमाओं से ऊपर उठकर, लोगों की जान बचाते हैं और आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं।
Our brave soldiers laid down their lives defending our borders. Those worthy sons of Bharat Mata lived and died for national pride. The entire nation salutes the martyrs of Galwan Valley: President Ram Nath Kovind https://t.co/S9fUzWuaYy
— ANI (@ANI) August 14, 2020
4. इसी दौरान, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए ‘अम्फान’ चक्रवात ने भारी नुकसान पहुंचाया, जिससे हमारी चुनौतियां और बढ़ गयीं। इस आपदा के दौरान, जान-माल की क्षति को कम करने में आपदा प्रबंधन दलों, केंद्र और राज्यों की एजेंसियों तथा सजग नागरिकों के एकजुट प्रयासों से काफी मदद मिली। इस महामारी का सबसे कठोर प्रहार, गरीबों और रोजाना आजीविका कमाने वालों पर हुआ है। संकट के इस दौर में, उनको सहारा देने के लिए, वायरस की रोकथाम के प्रयासों के साथ-साथ, अनेक जन-कल्याणकारी कदम उठाए गए हैं।
5. आज जब विश्व समुदाय के समक्ष आई सबसे बड़ी चुनौती से एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है, तब हमारे पड़ोसी ने अपनी विस्तारवादी गतिविधियों को चालाकी से अंजाम देने का दुस्साहस किया। सीमाओं की रक्षा करते हुए, हमारे बहादुर जवानों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। भारत माता के वे सपूत, राष्ट्र गौरव के लिए ही जिए और उसी के लिए मर मिटे। पूरा देश गलवान घाटी के बलिदानियों को नमन करता है। हर भारतवासी के हृदय में उनके परिवार के सदस्यों के प्रति कृतज्ञता का भाव है। उनके शौर्य ने यह दिखा दिया है कि यद्यपि हमारी आस्था शांति में है, फिर भी यदि कोई अशांति उत्पन्न करने की कोशिश करेगा तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा। हमें अपने सशस्त्र बलों, पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों पर गर्व है जो सीमाओं की रक्षा करते हैं, और हमारी आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
6. मेरा मानना है कि कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई में, जीवन और आजीविका दोनों की रक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है। हमने मौजूदा संकट को सबके हित में, विशेष रूप से किसानों और छोटे उद्यमियों के हित में, समुचित सुधार लाकर अर्थव्यवस्था को पुन: गति प्रदान करने के अवसर के रूप में देखा है। कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार किए गए हैं। किसान बिना किसी बाधा के, देश में कहीं भी, अपनी उपज बेचकर उसका अधिकतम मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। किसानों को नियामक प्रतिबंधों से मुक्त करने के लिए ‘आवश्यक वस्तु अधिनियम’ में संशोधन किया गया है। इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
The nation is indebted to doctors, nurses and other health workers who have been continuously on the forefront of our fight against this virus. Unfortunately, many of them have lost their lives battling the pandemic. They are our national heroes: President Ram Nath Kovind https://t.co/vOTzM2lf4H
— ANI (@ANI) August 14, 2020
7. वर्ष 2020 में हम सबने कई महत्वपूर्ण सबक सीखे हैं। एक अदृश्य वायरस ने इस मिथक को तोड़ दिया है कि प्रकृति मनुष्य के अधीन है। मेरा मानना है कि सही राह पकड़कर, प्रकृति के साथ सामंजस्य पर आधारित जीवन-शैली को अपनाने का अवसर, मानवता के सामने अभी भी मौजूद है। जलवायु परिवर्तन की तरह, इस महामारी ने भी यह चेतना जगाई है कि विश्व-समुदाय के प्रत्येक सदस्य की नियति एक दूसरे के साथ जुड़ी हुई है। मेरी धारणा है कि वर्तमान संदर्भ में ‘अर्थ-केंद्रित समावेशन’ से अधिक महत्व ‘मानव-केंद्रित सहयोग’ का है।
8. 21वीं सदी को उस सदी के रूप में याद किया जाना चाहिए जब मानवता ने मतभेदों को दरकिनार करके, धरती मां की रक्षा के लिए एकजुट प्रयास किए। कोरोना वायरस मानव समाज द्वारा बनाए गए कृत्रिम विभाजनों को नहीं मानता है। इससे यह विश्वास पुष्ट होता है कि मनुष्यों द्वारा उत्पन्न किए गए हर प्रकार के पूर्वाग्रह और सीमाओं से, हमें ऊपर उठने की आवश्यकता है। सार्वजनिक अस्पतालों और प्रयोगशालाओं ने कोविड-19 का सामना करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के कारण गरीबों के लिए इस महामारी का सामना करना संभव हो पाया है। इसलिए, इन सार्वजनिक स्वास्थ्य-सुविधाओं को और अधिक विस्तृत व सुदृढ़ बनाना होगा।
We are fortunate that Mahatma Gandhi became the guiding light of our freedom movement. As much a saint as a political leader, he was a phenomenon that could have happened only in India: President Ram Nath Kovind https://t.co/sRDglDUbzA
— ANI (@ANI) August 14, 2020
9. चौथा सबक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित है। इस वैश्विक महामारी से विज्ञान और टेक्नोलॉजी को तेजी से विकसित करने की आवश्यकता पर और अधिक ध्यान गया है। लॉकडाउन और उसके बाद क्रमशः अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान शासन, शिक्षा, व्यवसाय, कार्यालय के काम-काज और सामाजिक संपर्क के प्रभावी माध्यम के रूप में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को अपनाया गया है। मुझे विश्वास है कि हमारे देश और युवाओं का भविष्य उज्ज्वल है।
10. आप सभी देशवासी, इस वैश्विक महामारी का सामना करने में, जिस समझदारी और धैर्य का परिचय दे रहे हैं, उसकी सराहना पूरे विश्व में हो रही है। मुझे विश्वास है कि आप सब इसी प्रकार, सतर्कता और ज़िम्मेदारी बनाए रखेंगे। हमारे पास विश्व-समुदाय को देने के लिए बहुत कुछ है, विशेषकर बौद्धिक, आध्यात्मिक और विश्व-शांति के क्षेत्र में।
मैं प्रार्थना करता हूं कि समस्त विश्व का कल्याण हो:
सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चित् दु:खभाग् भवेत्॥