विस्फोटक कार को लेकर बड़ा खुलासा, कार पर लगी हुई थी बाइक की नंबर प्लेट

जम्मू कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमले जैसी साजिश नाकाम हुई है। पुलवामा ने जिस सैंट्रो कार से भारी मात्रा विस्फोटक बरामद हुआ है उस पर लगी नंबर प्लेट दोपहिया वाहन की थी। जांच में पता चला है कि जो नंबर प्लेट कार पर लगी थी वह कठुआ जिले में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में बीएसएफ अधिकारी साहिल कुमार के नाम पर पंजीकृत है। डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि सुरक्षाबलों को गुमराह करने के लिए कार पर झूठी नंबर प्लेट लगाई गई थी।
डीजीपी दिलबाग सिंह का कहना है कि कार के असली मालिक का विवरण बाद में साझा किया जाएगा। वहीं, कठुआ जिले के एसएसपी शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि सैंट्रो कार पर लगाई गई नंबर प्लेट मूल रूप से बडगाम में तैनात बीएसएफ के एएसआई साहिल कुमार की मोटरसाइकिल की थी। एसएसपी ने कहा कि बीएसएफ अधिकारी की इस मामले से कोई लेना-देना नहीं था और यह आतंकवादियों को सुरक्षाबलों को गुमराह करने का एक हथकंडा था।
When we were informed that the IED-laden car in #Pulwama had registration number of Kathua, we probed and found that it is the registration number of a bike. The bike has been brought to Hiranagar Police station,we are investigating: Shailendra Mishra,Kathua SSP #JammuAndKashmir pic.twitter.com/w9tQXASxeo
— ANI (@ANI) May 28, 2020
विस्फोटक बरामद करने के साथ ही सुरक्षाबलों ने एक बार फिर फरवरी 2019 जैसी घटना को अंजाम दिए जाने की साजिश को नाकाम कर दिया। आतंकवादी एक बार फिर विस्फोटक भरी कार को सुरक्षाबलों की गाड़ियों से टकरना चाहते थे। पिछले साल 14 फरवरी को इसी तरह के आत्मघाती हमला में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने बताया कि यह साजिश जैश-ए-मोहम्मद की थी और हिज्बुल मुजाहिद्दीन इसमें मददगार था। दोनों आतंकवादी संगठन मिलकर एक बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे।
आईजी विजय कुमार ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ”हमें पिछले सप्ताह से ही जानकारी मिल रही थी कि जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन मिलकर फिदायीन हमला करने वाले हैं। इसके लिए इन्होंने सेंट्रो कार ली है, इसमें आईडी भरकर हमला किया जा सकता है। कल दिन में और जानकारी मिली शाम तक सूचना पुष्ट हो गई। पुलवामा पुलिस ने सीआरपीएफ और सेना की मदद से नाका पार्टी लगाया था।’