“समाज को बांटने के लिए हो रहा है CORONA का इस्तेमाल”

हर कोई कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है। देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। कोरोना के कहर के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) टीचर्स एसोसिएशन ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि कोविड-19 यानी कोरोना महामारी का इस्तेमाल एक विशेष समुदाय के प्रति नफरत फैलाने और समाज को बांटने के लिए किया जा रहा है।
एसोसिएशन ने अपनी कार्यकारिणी की एक विशेष बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया और इसे राष्ट्रपति के पास भेजा है। प्रस्ताव में महामारी से निपटने के तौर-तरीकों पर गहरी चिंता प्रकट की गई। एएमयू टीचर्स एसोसिएशन ने आम आदमी, मुख्य रूप से दिहाड़ी मजदूरों के प्रति पूरी एकजुटता प्रदर्शित करते हुए कहा कि ”जो प्रवासी मजदूर बड़े शहरों से अपने गांव और कस्बे लौट रहे हैं, उन लोगों की कोई गलती नही है। प्रस्ताव में कहा गया है, ”यह हम सबके लिये बहुत दुख का विषय है कि कोविड- 19 महामारी का इस्तेमाल एक विशेष समुदाय के प्रति नफरत फैलाने के लिये किया जा रहा है।”
एएमयू टीचर्स एसोसिएशन के सचिव प्रो नजमुल इस्लाम ने कहा कि ”हमारा मानना है कि देश में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में जीत तभी हासिल होगी, जब हम सब एकजुट होकर इसका मुकाबला करेंगे।” उत्तर प्रदेश में 764 प्रवासी श्रमिकों में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए हैं। इनके नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। आशा बहुएं लगातार प्रवासी श्रमिकों की ट्रैकिंग कर रहीं हैं। करीब अब तक 658982 श्रमिकों की ट्रैकिंग कर चुकी हैं। प्रवसी श्रमिकों में संक्रमण का प्रतिशत काफी ज़्यादा है।
जानकारी के मुताबिक, 60 साल के ऊपर बुज़ुर्गों में संक्रमण का प्रतिशत काफी काम हुआ है। एक महीने पहले 60 साल के ऊपर के बुज़ुर्ग 9 प्रतिशत के हिसाब से संक्रमित हो रहे थे, अब वही प्रतिशत 6.5 रह गया है। पिछले 24 घंटों में 263 कोरोना संक्रमितों के नए मामले सामने आए हैं। इस तरह अब तक पूरे प्रदेश भर में 5778 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। 3238 मरीज़ डिस्चार्ज हो चुके हैं।