स्वास्थ्य मंत्रालय का बड़ा बयान, “समय रहते Lockdown ना किया होता तो…”

देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने देश में लॉकडाउन लागू लगाया हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कोरोना वायरस से 37,000-78,000 मौतें हो सकती थीं। 14-29 लाख मामले हो सकते थे, लाखों मामले नहीं फैले क्योंकि हमने फैसला किया कि हम घर की लक्ष्मण रेखा को पार नहीं करेंगे।’
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पिछले चार दिन से कोविड-19 के लिए रोजाना एक लाख से अधिक जांच की जा रही है। सरकार ने कहा है कि लगभग 80 प्रतिशत केस पांच राज्य, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, और दिल्ली से हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि भारत में कोरोना का प्रकोप सीमित क्षेत्र तक ही है। सरकार ने कहा है कि दो स्वतंत्र अर्थशास्त्रियों द्वार तैयार मॉडल से पता चलता है कि लॉकडाउन के कारण लगभग 23 कोविड-19 के केस और 68,000 मौतों को टाला गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगे बताया कि कोविड-19 की 27,55,714 जांच की गई। एक दिन में 1,03,829 नमूनों की जांच हुई। उन्होंने बताया कि 3.13 प्रतिशत से घटकर 3.02 प्रतिशत हो गई। मंत्रालय के अनुसार 24 घंटे में कोविड-19 के 3,234 मरीज ठीक हुए और अब तक 48,534 मरीज अभी तक ठीक हो चुके हैं।
Like the number of cases, growth rate of number of #COVID19 deaths too has fallen significantly due to lockdown, marking a notable difference between pre-lockdown and post-lockdown situations: VK Paul, Chairman of Empowered Group 1 https://t.co/H4cantbnOZ
— ANI (@ANI) May 22, 2020
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 21 मई तक कोरोना वायरस का संक्रमण कुछ राज्यों और शहरों और जिलों में केंद्रित हो चुका है। डॉ. वीके पॉल ने बताया कि पांच राज्यों में लगभग 80% केस और पांच शहरों में 60% से अधिक, 10 राज्यों में 90% से अधिक और 10 शहरों में 70% से अधिक मामले कोविड 19 के आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण COVID19 मौतों की संख्या की वृद्धि दर में भी काफी गिरावट आई है। कुछ आंकड़ों का जिक्र करते हुए बताया कि COVID19 मामलों की वृद्धि दर में 3 अप्रैल, 2020 से लगातार गिरावट देखी गई है। समय से अगर लॉकडाउन न लगाया गया होता तो आज 14 से 29 लाख के बीच कोरोना मरीज होते। पॉल के मुताबिक लॉकडाउन के कारण आज हजारों जिंदगियों को बचा पाए हैं। उन्होंने भारत सरकार की योजनाआयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत अब तक 1 करोड़ लोग इलाज करा चुके हैं। ये बहुत बड़ी उपलब्धि हैं।
डॉ. वीके पॉल ने कहा, कई मॉडल से ये बात सामने आ रही है कि कोरोना वायरस से 37,000-78,000 मौतें हो सकती थीं। 14-29 लाख मामले हो सकते थे, लाखों मामले नहीं फैले क्योंकि हमने फैसला किया कि हम घर की लक्ष्मण रेखा को पार नहीं करेंगे